लेखनी प्रतियोगिता - कॉफी और तुम
कॉफी और तुम
कॉफी और तुम,
हो गहरे अहसास मेरे लिए,
ये मत समझना,
तुमको मैंने कॉफी से तोल दिया,
बिन कुछ जाने ये बोल दिया,
तुम और कॉफी,
दोनों से ही, सुकून मिलता है मुझे,
तुमसे बातें करते हुए,
कॉफी का सिप भरते हुए,
बस इतने में ही समाई है,
चाहत मेरी,
क्यों, है ना ये सच बात,
तुम्हारे लिए मेरे ये जज़्बात।।
प्रियंका वर्मा
5/1/23
Sachin dev
06-Jan-2023 06:10 PM
Well done
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Punam verma
06-Jan-2023 09:00 AM
Very nice
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Abhinav ji
06-Jan-2023 08:16 AM
Very nice
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